लेखनी प्रतियोगिता -28-Jul-2023 "शेर"

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       "शेर" देखा है कभी पत्थरों को रोते सिसकते हुए ।  पर देखा है हमने उन्हें कभी कभी हँसते हुए।।  खिल उठते हैं कभी कभी फूल उनकी दरारों से।  ...

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